उस स्रोत जीव का नाम बताइए जिसमें से टीआई प्लास्मिड को अलग किया जाता है। जैव प्रौद्योगिकी में इसके उपयोग को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: टीआई प्लास्मिड को मिट्टी के जीवाणु एग्रोबैक्टीरियम टुमिफेसेन्स से अलग किया जाता है। टीआई प्लास्मिड का उपयोग जैव प्रौद्योगिकी में क्लोनिंग वेक्टर के रूप में किया जाता है ताकि हमारी रुचि के जीन को एक में वितरित किया जा सके
पौधों की विविधता। क्राउन गॉल बैक्टीरिया एग्रोबैक्टीरियम टुमिफेसेन्स कई डायकोट पौधों का एक रोगज़नक़ है जो सामान्य पौधों की कोशिकाओं को ट्यूमर में बदलने के लिए ‘टी-डीएनए’ नामक डीएनए के एक टुकड़े को वितरित करने में सक्षम है और इन ट्यूमर कोशिकाओं को रोगज़नक़ द्वारा पौधे के विष के रूप में उपयोग करने के लिए आवश्यक रसायनों का उत्पादन करने के लिए निर्देशित करता है। हालांकि, जीवाणु में मौजूद टीआई प्लास्मिड को क्लोनिंग वेक्टर में संशोधित किया गया है जो पौधों के लिए अधिक रोगजनक नहीं है, लेकिन अभी भी जीन देने के लिए तंत्र का उपयोग करने में सक्षम है।

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