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NCERT class 9 (स्पर्श) chapter 2। एवरेस्ट: मेरी शिखर यात्रा । HIndi Medium

Chapter 2

एवरेस्ट: मेरी शिखर यात्रा 

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-

1. अग्रिम दल का नेतृत्व कौन कर रहा था?

उत्तर: अग्रिम दल का नेतृत्व प्रेमचंद कर रहा था। 

2. लेखिका को सागरमाथा नाम क्यों अच्छा लगा?

उत्तर:  लेखिका को सादरमाथा नाम अच्छा लगा क्योंकि- सागर के पैर नदियाँ हैं तो सबसे ऊँची चोटी उसका माथा है और यह एक फूल की तरह दिखाई देता है, जैसे माथा हो।

3. लेखिका को ध्वज जैसा क्या लगा?

उत्तर: लेखिका को एक बड़े भारी बर्फ़ का बड़ा फूल (प्लूम) पर्वत शिखर पर लहराता हुआ ध्वज जैसा लगा।

4. हिमस्खलन से कितने लोंगों की मृत्यु हुई और कितने घायल हुए?

उत्तर: हिमस्खलन से एक लोग की मृत्यु हुई और चार लोग घायल हुए।

5. मृत्यु के अवसाद को देखकर कर्नल खुल्लर ने क्या कहा?

उत्तर: मृत्यु के अवसाद को देखकर कर्नल खुल्लर ने कहा कि- ऐसे एवरेस्ट जैसे साहसपूर्ण अभियानों में होने वाली मृत्यु को सहज रूप से स्वीकार किया जाना चाहिए

6. रसोई सहायक की मृत्यु कैसे हुई?

उत्तर: एवरेस्ट की चढ़ाई करते समय जलवायु प्रतिकुल थी, जिससे साॉस लेना भी मुशकिल था। वह साॉस नही ले पाने के कारण रसोई सहायक की मृत्यु हुई।

7. कैंप-चार कहाँ और कब लगाया गया?

उत्तर: कैंप-चार 29 अप्रैल, 1984 को 7900 मीटर पर साउथ कोल में लगाया गया था।

8. लेखिका ने शोरपा कुली को अपना परिचय किय तरह दिया?

उत्तर:  लेखिका ने शोरपा कुली तो अपना परिचय ये कहकर दिया कि- मैं बिलकुल ही नौसिखिया हूं और एवरेस्ट मेरा पहला अभियान है।

9. लेखिका की सफलता पर कर्नल खुल्लर ने उसे किन शब्दों में बधाई दी?

उत्तर: लेखिका की सफलता पर कर्नल खुल्लर ने उसे बधाई दी कि- “मैं तुम्हारी इस अनूठी उपलब्धि के लिए तुम्हारे माता-पिता को बधाई देना चाहूँगा देश को तुम पर गर्व है और अब तुम ऐसे संसार में जाओगी जो तुम्हारे अपने पीछे छोड़े हुए संसार से एकदम भिन्न होगा। “

लिखित

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-

1. नजदीक से एवरेस्ट को देखकर लेखिका को कैसा लगा?

उत्तर: नजदीक से एवरेस्ट को देखकर लेखिका को बहुत अच्छा लगा । उनको वहाँ से एवरेस्ट और अन्य श्रेणियाँ दिख रहीं थीं। वह ऊँची चोटियों से घिरी टेढ़ी मेढ़ी नदी को निहार रही थीं। 

2. डॉ. मीनू मेहता ने क्या जानकारियाँ दीं?

उत्तर: डॉ मीनू मेहता ने बहुत सी जानकारियाँ दी थी  जैसे-  उन्होंने अल्यूमिनिय्म की सीढ़ियों से अस्थाई पुल बनाना, लट्ठों और रस्सियों का उपयोग, बर्फ की आड़ी-तिरछी दीवारों पर रस्सियों को बाँधना और अग्रिम दल के अभियांत्रिकी कार्यों के बारे में विस्तार से बताया। … उसके बाद उन्होंने बर्फ की खुदाई की ताकि बचेंद्री को निकाला जा सके। 

3. तेनजिंग ने लेखिका की तारीफ़ में क्या कहा?

उत्तर: तेनजिंग ने लेखिका की तारीफ में कहा की वह एक   पर्वतीय लड़की है। उसे तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए। कठिन और रोमांचक कार्य करना उनका शौक था। वे लेखिका की सफलता चाहते थे और उन्हें पूरी आशा थी कि वे होंगी।

4. लेखिका को किनके साथ चढ़ाई करनी थी?

उत्तर: लेखिका को अपने दल और जय तथा मीनू के साथ चढ़ाई करनी थी।

5. लोपसांग ने तंबू का रास्ता कैसे साफ़ किया?

उत्तर: लोपसांग ने अपने स्विस छुरी से तंबू का रास्ता साफ़ किया।  उन्होंने लेखिका के पास से बड़े-बड़े हिमखंड हटाए और चारों तरफ फैली हुई कठोर बर्फ की खुदाई की। इसके बाद ही बाहर निकलने का रास्ता साफ हो पाया।

6. साउथ कोल कैंप पहुँचकर लेखिका ने अगले दिन की महत्त्वपूर्ण चढ़ाई की तैयारी कैसे शुरु की?

उत्तर: साउथ कोल कैंप पहुँचकर लेखिका ने अगले दिन की महत्त्वपूर्ण चढ़ाई की तैयारी करने के लिए खाना, कुकिंग गैस, कुछ ऑक्सीजन सिलिंडर इकट्ठे किए, दूसरे सदस्यों की मदद के लिए, थरमसों को जूस व गरम चाय से भरने के लिए नीचे जाने का निश्चय किया

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-

1. उपनेता प्रेमचंद ने किन स्थितियों से अवगत कराया?

उत्तर:  उपनेता प्रेमचंद ने सबको खुंभु हिमपात की स्थिति के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि उनके दल ने कैंप-एक का रास्ता साफ कर दिया था । पुल बनाकर, रस्सियाँ बाँधकर और झंडियों से रास्ते पर निशान लगाकर, सभी बड़ी कठिनाइयों का जायजा ले लिया गया था।

2. हिमपात किस तरह होता है और उससे क्या-क्या परिवर्तन आते हैं?

उत्तर:  बर्फ के खंडों का अव्यवस्थित ढंग से गिरना ही हिमपात होता हैं। हिमपात के होने से बर्फ के बड़ी- बड़ी चट्टाने रिकने लगती है, हिमपात से पर्वतारोही को गंभीर चोट लग सकती है या उसकी मृत्यु भी हो सकती है।

3. लेखिका के तंबू में गिरे बर्फ़ पिंड का वर्णन किस तरह किया गया है?

उत्तर: लेखिका के तंबू में गिरे बर्फ पिंड का वर्णन इस तरह किया गया- जब वह सौ रही ती, तब कोई बड़ी सी ठंडी चीज उनसे टकराती हुई चली गई।वह ठंडा बस्तु बर्फ था। लेखिका को कोई नुकसान नही हुआ , मगर तंबू पूरी तरह से नषट हो गया।

4. लेखिका को देखकर ‘की’ हक्का-बक्का क्यों रह गया?

उत्तर: लेखिका को देखकर की हक्का-बक्का रह गया क्योंकि- लेखिकी की हिम्मत देखकर की को आश्चर्य हो रहा था। लेखिका को अभी ऊपर की चढ़ाई करनी थी लेकिन वह थकान की परवाह किये बिना अन्य साथियों की तलाश में नीचे आ गई थीं। लेखिका ने सबके लिए चाय भी बनाई थी। 

5. एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए कुल कितने कैंप बनाए गए? उनका वर्णन कीजिए।

उत्तर: एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए कुल सात कैंप बनाए गए । 

1. बेस कैंप – यह कैंप काठमांडू के शेरपालैंड में लगाया गया था। पर्वतीय दल के नेता कर्नल खुल्लर यहीं रहकर एक-एक गतिविधि का संचालन कर रहे थे।

2.  16 मई के दिन सभी लोग प्रातः काल इस कैंप में पहुंचे| यहां पर जिस शेरपा की टांग टूट गई थी उसे स्ट्रेचर पर लिटाया गया और आवश्यक उपचार किया गया|

3. ये कैंप ल्होत्से पहाड़ियों के आंगन में स्थित था। यहां नाइलॉन के बने तंबू में लेखिका और उसके सभी साथी सोए हुए थे|

4. ये समुद्र के 7900 मीटर ऊपर था। यहीं से साउथ कैंप और शिखर कैंप के लिए चढ़ाई शुरू की गई थी। इसे 29 अप्रैल 1984 को अंगदोरजी, लोपसांग और गगन बिस्सा ने मिलकर लगाया था।

5. साउथ कैंप कोल- यहीं से सभी लोगों ने अंतिम दिन की चढ़ाई शुरू की थी।

6. शिखर कैंप- यह कैंप पर्वत की सबसे ऊंची चोटी के ठीक नीचे स्थित था। इस कैंप में लेखिका और अंगदोरजी केवल दो घंटे में पहुंच गए थे।

6. चढ़ाई के समय एवरेस्ट की चोटी की स्थिति कैसी थी?

उत्तर: चढ़ाई के समय एवरेस्ट की चोटी पर दो- तीन लोगों की खड़े रहने की जगह थी। ठंडी हवाए चल रही थी। एक सीधी ढ़लान दीख रही थी।

7. सम्मिलित अभियान में सहयोग एवं सहायता की भावना का परिचय बचेंद्री के किय कार्य से मिलता है?

उत्तर: लेखिका के व्यवहार से सहयोग और सहायता का परिचय तब मिलता है जब वे अपने दल के दूसरे सदस्यों जूस और में चाय देने के लिए  बर्फीली हवा में  जहा इतनी ठंड थी वहा तंबू से बाहर निकल नीचे उतरकर थर्मस भरने के लिए आइ।

(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-

1. एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभी-कभी तो मृत्यु भी आदमी को सहज भाव से स्वीकार करनी चाहिए।

उत्तर:  एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभी-कभी तो मृत्यु भी आदमी को सहज भाव से स्वीकार करनी चाहिए।

                  इस आशय का अर्थ यह हैं कि- एवरेस्ट चढ़ना बहुत कठिन काम हैं । ऐसे काम में बहुत सी मुशकिले होंगी। बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ता हैं। और ऐसे काम में किसी की भी मृत्यु हो सकती है जो बहुत मामूली बात हैं।

2. सीधे धरातल पर दरार पड़ने का विचार और इस दरार का गहरे-चौड़े हिम- विदर में बदल जाने का मात्र खयाल ही बहुत डरावना था। इससे भी ज्यादा भयानक इस बात की जानकारी थी कि हमारे संपूर्ण प्रयास के दौरान हिमपात लगभग एक दर्जन आरोहियों और कुलियों को प्रतिदिन छुता रहेगा।

उत्तर: सीधे धरातल पर दरार पड़ने का विचार और इस दरार का गहरे-चौड़े हिम-विदर में बदल जाने का मात्र ख्याल ही बहुत डरावना था। इससे भी ज़्यादा भयानक इस बात की जानकारी थी कि हमारे संपूर्ण प्रयास के दौरान हिमपात लगभग एक दर्जन आरोहियों और कुलियों को प्रतिदिन छूता रहेगा। 

              इस आशय अर्थ यह हैं कि- हिमपात का अव्यवस्थित ढंग से गिरना स्वयं में डरावना था। और इस से लेखक की जान भी जा सकती थी। 

3. बिना उठे मैंने अपने थैले से दुर्ग माँ का चित्र और हनुमान चालीसा निकाला। मैंने इनको अपने साथ लाए लाल कपड़े में लपेटा, छोटी-सी पूजा-अर्चना की और इनको बर्फ़ में दबा दिया। आनंद के इस क्षण में मुझे अपने माता-पिता का ध्यान आया।

उत्तर:

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